
बिहार में जमीन से जुड़े मामलों की संख्या को देखते हुए बिहार सरकार ने इसमें कई बदलाव किए हैं ताकि जमीन से जुड़े मामलों का जल्द से जल्द निपटारा किया जा सके. बता दें कि इन दिनों बाहर भू-सर्वेक्षण का काम भी शुरू हो गया है।
जिससे शासकीय भूमि एवं रैयत भूमि को चिन्हित कर कब्जे से मुक्त कराया जा सके तथा लम्बे समय से चली आ रही आपसी रंजिश को समाप्त किया जा सके। बता दें कि बिहार में सबसे ज्यादा अपराध के मामले जमीन से जुड़े हैं।
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जिसमें पर्यावरण की चिंता के चलते ऐसे मामलों में इजाफा देखने को मिला है। ऐसे में अब बिहार सरकार ने जमीन में रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव किया है. बिहार सरकार ने पहले 125 पंजीकरण कार्यालयों में मॉडल डीड के साथ 20 फीसदी रजिस्ट्री करना अनिवार्य कर दिया है.
इतना ही नहीं विभाग की ओर से जारी अपडेट के मुताबिक कटीब या कार्यालय खर्च के नाम पर होने वाले खर्च की राशि को अब बंद कर दिया गया है. ऐसे में अब लोग डीड खुद भरकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
आपको बता दें कि अगर आप रजिस्ट्री कार्यालय में जाकर जमीन का रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तो डीड का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको 2 से 5 हजार रुपए कैबिट के तौर पर चुकाने पड़ सकते हैं।
बिहार में पिछले साल यानी 2021-22 में हुए कर्मों की संख्या पर नजर डालें तो यह 12 लाख विलेख पंजीकृत थे। डीड को लेकर अब जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में हेल्प डेस्क बनाया गया है.
या फिर disaster registration department की वेबसाइट पर डीड का मॉडल डाला गया है कि आप डीड को कैसे भरें. यहां पर हिंदी अंग्रेजी और उर्दू में डीड का मॉर्डल डाला गया है हम उसे आसानी से भर सकते हैं. इस तरह से डीड ऑनलाइन होने से कातिब की मदद नहीं लेनी होगी जिससे आपका पैसा और समय दोनों बचेगा.
बिहार सरकार ने जहां कातिब को खत्म कर दिया है, वहीं यह भी कहा है कि नौसैनिकों के लिए शेड भी खत्म किया जाएगा. इस तरह पिछले 40 साल से चली आ रही नौसिखियों की व्यवस्था को खत्म करने की बात कही गई है.
विभाग की तरफ से जारी अपडेट के अनुसार यह भी बताया गया है कि वर्तमान समय में निबंधन कार्यालय में पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण कातिबों को बैठने के लिए जगह नहीं उपलब्ध हो सकता है.
साथ ही विभाग की तरफ से यह भी बताया गया है कि इन दिनों रजिस्ट्री करवाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में बढ़ोतरी होने की वजह से चुनौती बढ़ी हुई है.
इधर दस्तावेज नवीस संघ के अध्यक्ष Uday Kumar Singh ने बताया है कि मॉडल डीड पर रजिस्ट्रेशन करवाने की परंपरा शुरू होने से दलाली को बढ़ावा मिलेगा. अभी रजिस्ट्री के डीड लिखने वालों को दस्तावेज पर लाइसेंस नंबर और हस्ताक्षर करना होता है.
बाद में अगर रजिस्ट्री में किसी तरह की गड़बड़ी होती है उन्हें पकड़ा जा सकता है. इस पूरे मामले को लेकर मद्य निषेध,उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त B Karthikeya Dhanji ने बताया कि राज्य के सभी निबंधन कार्यालयों में होने वाली कुल रजिस्ट्री के 20 फीसदी रजिस्ट्री मॉडल डीड से करवाने का निर्देश दिया गया है. आने वाले दिनों में इसे बढ़ाकर 100 फीसदी किया जाएगा.
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