किसी ने ऐसा क्या कहा कि मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है। अगर आप सच्चे दिल से मेहनत करेंगे तो एक दिन जरूर सफल होंगे। यूपीएससी के परिणाम आने के साथ ही देशभर से एक से बढ़कर एक संघर्ष देखने और सुनने को मिला। इन्हीं में से एक कहानी है दीपेश कुमारी की।
पिता का सपना था कि बेटी बहुत पढ़कर परिवार का नाम रोशन करे। पांच भाई-बहनों की बड़ी बेटी दीपेश ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर अपने पिता के सपने को साकार कर दिया। दीपेश ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में 93वीं रैंक हासिल कर न केवल परिवार का बल्कि राजस्थान का नाम रोशन किया है।
Dipesh Kumari secured 93rd rank in UPSC, father has been running a handcart family for 25 years #DipeshKumari #UPSC #Rank93 #दीपेशकुमारीhttps://t.co/XLjO8owxqw
— city andolan (@city_andolan) June 1, 2022
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राजस्थान की रहने वाली दीपेश कुमारी की सफलता के पीछे न केवल मेहनत बल्कि त्याग और समर्पण भी है। पिता हाथगाड़ी पर सांप बेचकर 25 साल से परिवार का पेट पाल रहे हैं और पिता ने अपना पूरा जीवन बच्चों को पढ़ाने में लगा दिया।
एक कमरा, एक रसोई घर और परिवार में 7 सदस्य। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हैंडकार्ट चालक की बेटी दीपेश ने कड़ी मेहनत से मुकाम हासिल किया।
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अपनी बेटी के यूपीएससी रिजल्ट के अगले ही दिन गोविंद फिर से हाथगाड़ी लेकर शहर की सड़कों पर परिवार पालने के लिए निकल पड़े। सड़कों पर निकलते ही कई लोगों ने बेटी का अधिकारी बनने की खुशी में पिता को बधाई दी। बेटी की सफलता पर पिता ने कहा कि जीवन में सुख-दुख चलता रहता है। किसी को भी कड़ी मेहनत से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए।
दीपेश ने भरतपुर शहर के ही शिशु आदर्श विद्या मंदिर से 10वीं तक की पढ़ाई की थी। उन्होंने 10वीं में 98 फीसदी और 12वीं में 89 फीसदी अंकों के साथ परीक्षा पास की। वह दिल्ली से यूपीएससी की तैयारी कर रही थी, और उसे दूसरी बार
में सफलता मिली। अब गाड़ी चालक गोविंद की बेटी अफसर बन गई है। (इनपुट: www.livebavaal.com/ लाइव समाचार)
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